लेखनी कविता - गज़ल

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गज़ल एक दिन देखकर उदास बहुत आ गए थे वो मेरे पास बहुत । ख़ुद से मैं कुछ दिनों से मिल न सका लोग रहते हैं आस-पास बहुत । अब गिरेबाँ ...

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